सारे मिडिल क्लास फैमिली से आने वाले छात्रों का एक ही सपना होता है। जल्दी से अपनी पढ़ाई पूरी करके कली अच्छी सी नौकरी की तलाश कर ली जाए। लेकिन आज के समय में नौकरी इतनी आसानी से तो बिल्कुल भी नहीं मिलता। हर तरफ बेरोजगारों की लंबी लाइन लगी हुई है। यदि किसी को नौकरी मिल भी जाये तो सैलरी इतना कम होता है कि उससे अपना गुजारा कर पाना बेहद मुश्किल हो जाता है।
20 से 25 हजार की नौकरी यदि प्राइवेट कंपनियां में करें तो इस महंगाई में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ेगा। आज के इस पोस्ट में हम बात करने वाले हैं एक ऐसे ही लड़के के बारे में जो अपनी 20 हज़ार की नौकरी से तंग आकर एक बिज़नेस खड़ा किया और आज वो सक्सेसफुल इंसान है। गोबर का बिज़नेस करके लड़के ने करोड़ों रुपये कमाएं है और बेरोजगार लोगों के लिए आज के समय मे प्रेरणा का स्रोत है।
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हम जिस लड़के की बात कर रहे हैं उनका नाम है जयगुरू आचार हिंडर। ये दक्षिण कन्नड़ जिले के पुत्तूर तालुक के मुंडुरु गांव के रहने वाले हैं। इन्होंने सिविल इंजीनियरिंग करने के बाद एक कंपनी में 22 हजार रूपये महीने का प्राइवेट जॉब करना शुरू किया। लेकिन इस सैलरी में उनका गुजरा नहीं होता था। और न ही उन्हें अपने काम में मन लग रहा था।
कैसे शुरू किया अपना व्यापार?
आखिरकार हिंडर ने अपना नौकरी छोड़ने कक फैसला लिया और खुदका व्यापार करने का सोचा। हिंडर का परिवार गांव से बिलोंग करता था इसलिए उन्हें पहले से ही खेती तथा पशुपालन में काफी दिलचस्पी थी। और यही एक वजह के कारण हिंडर ने पशुपालन को ही अपना मुख्य पेशा बनाने की सोचा। पहले से ही उनके घर में 10 गायें थी। लेकिन इस बार हिंडर ने उनका देखभाल और रहन सहन के तरीके को पूरी तरह से चेंज किया।
इस बार हिंडर सबकुछ बिज़नेस की तरह शुरू किया। अपने गाय से मिलने वाले दूध, गोबर, गौमूत्र तथा गौशाला से निकलने वाले गीले कचरों को भी किसानों को बेचने लगे। आज के समय में उनकी आमदनी प्रति महीने 15 लाख से भी ऊपर है।
इसके अलावा हिंडर पिता के साथ खेतों में काम करने के साथ नये विकल्प तलाशना शुरू किया। हिंडर बाद में गोबर सुखाने वाली मशीन खरीद लाए। इस मशीन की मदद से वह गायों के गोबर को सुखाकर थैली में भरक बेचने लगे। जिससे उनकी आमदनी और तेज़ हो गयी। इसके साथ ही पशुओं की संख्या को 10 से बढ़ाकर 130 कर दिया। जिसके बाद गौशाला से निकलने वाले कचरे को टेंकरों में भरकर जैविक खाद के रूप में बेंचने लगे।
अब हिंडर 130 गायों से मिलने वाले प्रतिदिन 750 लीटर दूध, हर महीने 40 लीटर के करीब शुद्ध देशी घी बजार में बेंच रहे हैं। अपने इस कारोबार को 10 एकड में फैला डाला है। एड करने के बाद आप उनकी औसतन सालाना कमाई करोड़ों में है।
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