मजदूर किसानों को सरकार के तरफ से एक जोरदार झटका लगने वाला है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सरकार अब समर्थन मूल्य में गेहूं की खरीद को बंद कर दिया है। इन सबके पीछे वजह बताया जा रहा है ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) के तहत आटा मिलों, थोक खरीदारों और सरकारी एजेंसियों का। आपको बता दें की रियायती दर पर 33 लाख टन गेहूं बेचने के बाद भी सरकार के पास काफी बड़ी मात्रा में प्रयाप्त अनाज भंडार मौजूद हैं।
खबरों की मानें तो भारत सरकार के पास अप्रैल में 84 लाख टन गेहूं का स्टॉक। सरकार ऐसे में इस साल 341.50 लाख टन गेहूं खरीदने के लक्ष्य को पूरा भी कर लेगी और गेहूं की बांटने के लिए भी प्रयाप्त मात्रा में स्टॉक्स मौजूद हैं। इसके अलावा ओपन मार्केट सेल स्कीम लाने के लिए भी भंडार मौजूद होगा. और यही एक बड़ी वजह भी बताई जा रही है।
इससे सबसे बड़ा नुकसान किसान भाइयों को होगा। उनकी कमाई पर भी सीधा असर दिखेगा। आपको बता दें की इंटरनेशनल मार्केट में गेहूं का दाम 3200 रुपये प्रति क्विंटल का मापन रखा गया है। हालांकि आशंका ये भी है की आने वाले समय में गेहूं की कीमतों में और भी उछाल देखने को मिलेगा।
भारतीय खाद्य निगम यानी एफसीआई के सीएमडी अशोक कुमार मीणा को पूरी उम्मीद है कि इस साल सरकार 341.50 लाख टन गेहूं के खरीद का लक्ष्य को हासिल कर लेगी। पिछले साल गेहूं क्राइसिस शुरू होने के बाद एक्सपोर्ट पर बैन लगाया गया था, इस बार पहले से ही लगा हुआ है, इसलिए दाम नियंत्रण में है.