सफलता पाने का बस एक ही तरीका है मेहनत, मेहनत और मेहनत। यदि आपको खुद के ऊपर दृढ़ विश्वास है और आप लगातार परिश्रम कर रहे हो तो आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता। इस एक बात पर आप सब सहमत होंगे। खुद पर विश्वास ही है जो लोगों को जमीन से आसमान की उच्चाई तक ले जाता है।
आज के इस पोस्ट में हम ऐसे ही एक शख्स के बारे में जानेंगे जिन्होंने खुद पर विश्वास किया और एक वेटर से लेकर आईएएस अधिकारी तक का सफर तय किया। आइये जानते हैं क्या है उनकी संघर्ष की कहानी। कैसे उन्होंने इस मुकाम तक खुद को पहुँचाया और उन्हें किन- किन परिस्थियों का सामना करना पड़ा।
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संघर्ष की कहानी वेटर से IAS का सफर
जिनकी सफलता के बारे में हमलोग बात कर रहे हैं उनका नाम जयगणेश है। जयगणेश का जन्म तमिलनाडु के उत्तरीय अम्बर के पास एक छोटे से गांव के एक गरीब परिवार में हुआ था। उनकी पारिवारिक हालात भी बिल्कुल बेकार था। उनके पिता एक फैक्ट्री में मजदूर का काम करते और अपने परिवार का गुजारा करते थे।
जयगणेश चार भाई-बहन हैं, जिनमें वे सबसे बड़े हैं। जयगणेश शुरू से ही पढ़ाई को लेकर काफी होशियार थे और उन्हीने उबारहवीं में 91 प्रतिशत अंकों के साथ उतीर्ण किया। बाद में जाकर तांथी पेरियार इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में एडमिशन लिया और अपना मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई को पूरा किया।
पढ़ाई के बाद जयगणेश ने एक प्राइवेट संस्था में 2500 रुपये तनख्वाह पर नौकरी करने लगे। बाद में उनका मन नौकरी में नहीं लगा और जीवन में कुछ बड़ा करने का सोचा। उन्हें खुद पर पूरा विश्वाश था और फाइनली गवर्नमेंट जॉब की प्रिपरेशन करने का सोचा। हालांकि उनके गांव मे परिवार की स्थिति बिल्कुल ठीक नहीं थी। इसलिए जयगणेश का खर्चा फैमिली वाले पूरा नहीं कर सकते थे।
जयगणेश ने तो सिविल सेवा की तैयारी का मन बना ही लिया था। इसलिए उन्होंने जोर-शोर से पढ़ाई करना शुरू कर दिया। लेकिन हर बार असफल ही रहे और उनके हाथ सिर्फ निराशा ही लगा। अब समय काफी हो गया था और खर्चा चलाना मुश्किल हो रहा था था।
लोग क्या कहेंगे इसकी चिंता बिना किये और अपना पढ़ाई और परिवार का खर्च चलाने के लिए उन्होंने एक छोटे से होटल में वेटर का काम करना शुरू कर दिया। दिन के समय में जयगणेश वेटर का काम करते थे और रात के समय अपनी पढ़ाई।
इसी दौरान उन्होंने इंटेलीजेंस ब्यूरो की परीक्षा दी और उनमें वो सफल हुए। यह लगातार 7वीं बार सिविल सेवा की परीक्षा में फेल होने के बाद पहली सफलता उनके हाथ लगी। आज जयगणेश एक IAS अधिकारी है और एक संम्मान की जिंदगी जी रहे है।
तो दोस्तों जयगणेश की यह संघर्ष भरी कहानी आपको कैसा लगा नीचे कमेंट सेक्शन में जरूर बताइयेगा। इसी तरह के और भी संघर्ष भारी दासताएँ जानने के लिए हमें फॉलो जरुर कर लें।
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