किसी ने सच ही कहा है किसकी किस्मत कब चमक जाए कोई कुछ कह नहीं सकता है। समय किसी से बस में नहीं है। कभीं लोगों का समय अच्छा बीतता है तो कभी बुरा और भयावह। हर शख्स की किस्मत एक जैसी और अच्छी नहीं होती है। आज के इस पोस्ट में हम बात करने वाले हैं एक शख्स से जिनका नाम हैं डॉ. विकास द्विव्यकीर्ति। आपको बता दें कि विकाश सर शुरुआती दिनों में सेल्समैन का काम किया करते थे।
![कभी बाजार में बेचते थे कैलकुलेटर, आज बना रहे हैं लाखों युवाओं को आईएएस और आईपीएस अफसर 2 dr-vikas-divyakirti-upsc-educator success story](https://i0.wp.com/vyaparkaro.com/wp-content/uploads/2022/09/dr-vikas-divyakirti-upsc-educator-success-story-.png?resize=805%2C453&ssl=1)
लेकिन आज के समय में विकाश दिव्यकिर्ती का नाम कौन नहीं जानता। यह लाखों युवाओं को हर वर्ष आईएएस और आईपीएस देने की ट्रेनिंग दे रहे हैं। युवाओं के बीच विकास सर का पढ़ाने का अंदाज़ काफी मशहूर हैं। ये बिल्कुल ही मजाकिया अंदाज में बच्चों को शिक्षा देते हैं समझाने का अनोखा तरीका ही विकाश सर को हर शिक्षक से बिल्कुल अलग बनाता है।
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विकास दिव्यकीर्ति जीवनी
दोस्तों विकास दिव्यकीर्ति का जन्म 1973 में पंजाब में हुआ। पहली बार इन्होंने साल 1996 में खुद के लिए यूपीएससी परीक्षा दी. उनका यूपीएससी का सफर बहुत ही दिलचस्प रहा क्योंकि उन्होंनें किसी को इसके बारे में बताया ही नहीं था। 1996 में उनकी पहली बार में प्रीलिम्स क्लियर हुआ और मुख्य परीक्षा के लिए बैंगलोर के केंद्र का चयन हुआ।
आपको बता दें कि 24 वर्ष की उम्र से ही दिवकृति यूपीएससी के छात्रों को शिक्षा अपने संस्थान (दृष्टि आईएएस) में दे रहे हैं। पैसों की तंगी के कारण वर्ष 1998 में साढ़े 24 साल की उम्र में यूपीएससी के उम्मीदवारों को ट्यूशन देना शुरू कर दिया।
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