किसी ने सच कहा है यदि आपने किसी चीज को लेकर सिद्दत से चाहा तो हर कायनात उसे मिलाने की भरपूर कोशिश में लग जाती है। ऐसे ही एक सिद्दत और संघर्ष से भरी दास्तां जानेंगे। आज के इस पोस्ट में हम जानेंगे आखिर कैसे एक गरीब परिवार की बेटी ने एक संकल्प लिया और खुद को समाज के सामने बेहतर साबित करके दिखाया।
आज के इस पोस्ट में हम जानेंगे बिहार के सारण जिले के मढौरा खुर्द की निवासी जूही के बारे में जिन्होंने बीपीएससी जैसी बड़ी परीक्षा को क्लियर किया। और इस एग्जाम में जूही ने 307वीं रैंक हासिल किया। अब जूही आरडीओ यानी रूरल डेवलपमेंट ऑफिसर बन गई है।
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आपको बता दें कि जूही वर्ष 2022 के बीपीएससी की 66वीं संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा में टॉप रैंक लाया था। जूही दूसरों के लिए प्रेरणास्रोत भी है। बिहार के निवासी जूही ने 307वीं रैंक हासिल किया और वह आरडीओ यानी रूरल डेवलपमेंट ऑफिसर बन चुकी है। जूही के परिवार में दो बड़ी बहन और एक भाई है। जूही परिवार में सबसे छोटी है।
जूही कुमारी की पारिवारिक हालात बेहद बेकार हैं। उनके पिता कभी ठेले पर और कभी मार्किट में आलू- प्याज बेचते हैं। आलू-प्याज बेचना ही उनकी उनकी आमदनी का मुख्य जरिया है। इसी से उनके पिता ने जूही के पढ़ाई का खर्चा उठाया। एग्जाम पास होने के बाद जूही के पिता ने बताया कि उन्हें अपनी बेटी की सफलता पर गर्व है।
आपको बता दें कि जूही ने मढौरा में ही रह कर इंटरमीडिएट तक पढ़ाई की। इसके बाद स्नातक की पढ़ाई छपरा से पूर्ण किया। जूही इससे पहले दो बार मेंस की परीक्षा में फेल कर चुकी है। लेकिन उनकी हिम्मत आखिर काम आयी और इस बार वो सफल भी हुई। जूही अपने तीसरे प्रयास में 307वीं रैंक लेकर आई।
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