Ola, Tvs जैसी बड़ी कंपनियाँ अपनी इलेक्ट्रिक स्कूटर में रिमूवेबल बैटरी क्यों नहीं देती, जानें असली वजह

आज हम आपको बताएंगे कि क्यों इलेक्ट्रिक स्कूटर कंपनियां रिमूवल बैटरी को यूज नहीं कर रही। जैसा कि देखा जा सकता है वह ला टीवीएस के इलेक्ट्रिक स्कूटर बाजार में काफी प्रचलित है परंतु इनमें लगे हुए हैं फिक्स बैटरी। तो हम आपको बताते हैं मुख्य 6 कारण जिसके कारण रिमूवल बैटरी नहीं लगाई जा रही।

डिजाइन में आ रही दिक्कत जाने क्या बात है

तो आपको बता दें कि स्कूटर को डिजाइन करते समय या निर्धारित कर दिया जाता है कि इसके बैटरी के अनुसार स्कूटर कैसा दिखेगा। उसी के साथ अलग-अलग कंपनियों की बैटरी अलग-अलग डिजाइन की होती है और रिमूवल बैटरी बनाने के लिए सभी कंपनियों को एक ही डिजाइन की बैटरी बनानी पड़ेगी जो की एक सबसे बड़ी परेशानी की बात है।

why non removable batteriee are used in big comapny scooters like ola tvs

सुरक्षा में हो सकता है चूक

कंपनी का ऐसा कहना है कि रिमूवल बैटरी को लगाते और हटाते समय बहुत ही अधिक ध्यान रखने की जरूरत पड़ती है। अगर आप ध्यान नहीं रखते हैं और सावधानी नहीं रखते हैं तो यह खतरनाक भी हो सकता है। बैट्री निकालते समय बैटरी गिर सकती है टूट सकती है और भी बहुत सारी दिक्कतें आ सकती हैं।

कीमत में है थोड़ी गड़बड़ी

आपको बता दें कि फिक्स्ड बैटरी की कीमत रिमूवल बैटरी की कीमत के मुकाबले कम होती है जैसे अगर फिक्स बैटरी की कीमत 60000 है तो रिमूवल बैटरी की कीमत 80000 होगी जिसे आपको अधिक खर्च करने की जरूरत पड़ सकती है।

चार्जिंग प्वाइंट है एक मुख्य दिक्कत

आपको बता दें कि रिमूवल बैटरी चार्ज करने के लिए जो चार्जिंग पॉइंट होती है उसको बनाने में कई लाखों का खर्च आता है और भारत में अभी ज्यादा चार्जिंग स्टेशन नहीं है और हर कंपनी की बैटरी अलग होने के कारण चार्जिंग स्टेशन पर हर स्कूटर को चार्ज भी नहीं किया जा सकता।

बूट स्पेस में कमी

रिमूवल बैटरी बूट स्पेस के जगह पर लगती है जिसके कारण बूट स्पेस कम हो जाती है या फिर उसे पूरी तरह से हटाना पड़ता है।

चार्जिंग प्वाइंट की कमी

देश में बहुत कम चार्जिंग प्वाइंट होने के कारण कंपनियां रिमूवल बैटरी लगाने से कतरा रही है।

राजीव रंजन ने अपने 2 वर्षों के मीडिया करियर में नेशनल, मनोरंजन, लाइफ़स्टाइल, ऑटोमोबाइल, गवर्नमेंट योजना, बिज़नस न्यूज़, फाइनेंस जैसी बीटों पर काम किया है. ecovahan से इन्होने शुरुआत की थी और अब यह अपना योगदान vyaparkaro को दे रहे है।

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